भारत ने दक्षिण चीन सागर में तैनात किये अपने युद्धपोत

India deployed warships in south China sea The prodates on china

 India deployed warships in south China sea

India deployed warships in south China sea


लद्दाख में गलवान खाटी संघर्ष के बाद दक्षिण चीन सागर में ड्रैगन के दावे को चुनौती देने के लिए भारत ने कड़ा कदम उठाते हुए जंगी जहाज तैनात कर दिया है चीन के विरोध के बावजूद भारतीय सेना ने क्या कार्रवाई की सूत्रों के अनुसार नौसेना ने बिना किसी शोर-शराबे के पूरे मिशन को बहुत ही गोपनीय तरीके से अंजाम दिया नौसेना ने इसके साथ ही अंडमान निकोबार दीप समूह के पास मलक्का की खाड़ी में भी चीनी नौसेना की हरकत पर नजर रखने के लिए युद्धक जहाजों की तैनाती की चीनी नौसेना ने हिंद महासागर में प्रवेश करती है इसके अलावा कई चीनी कारोबारियों से लौटते हुए रास्ते से गुजरते हैं भारतीय नौसेना की उपस्थिति पर आपत्ति जताता रहा है इस इलाके में 2009 से सैन्य और कृतिम दीपों का इस्तेमाल कर चीन ने अपनी मौजूदगी का दायरा बढ़ाया है भारतीय युद्धपोत की तैनाती विशेष तौर पर उसी इलाके में की गई है जहां चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी की नौसेना किसी भी दूसरे देश की मौजूदगी पर सख्त ऐतराज जताते रहा है दरअसल चीन इस क्षेत्र के ज्यादातर हिस्से पर अपना दावा जताता है इसे लेकर ताइवान फिलिपिंस ऑस्ट्रेलिया जापान और अमेरिका जैसे देशों के साथ चीन का विवाद चरम पर है


तैनाती पर चीनी सेना का ऐतराज जताया 


 सूत्रों ने बताया कि दक्षिण चीन सागर में भारतीय नौसेना के युद्धपोत की तैनाती से चीन में बेचैनी का माहौल है चीन ने इस पर कूटनीतिक स्तर पर भारत से शिकायत भी की थी


अमेरिकी नौसेना के संपर्क में है भारतीय नौसेना 


भारतीय युद्धपोत लगातार अमेरिकी समकक्ष  में संपर्क बनाए हुए हैं अन्य देशों की आवाजाही पर भी नजर रखी हुई है 


पूर्वी और पश्चिमी मोर्चों पर सतर्क 

India deployed warships in south China sea


 भारतीय नौसेना पूर्वी और पश्चिमी मोर्चे पर दुश्मन द्वारा किसी भी दुसाद का जवाब देने में पूरी तरह सक्षम है मिशन आधारित तैनाती ने हिंद महासागर क्षेत्र और इसके आसपास लगातार पनप रहे हालात से कारगर तरीके से निपटने में मदद की है


तिब्बत पर चीन परेशान 


 तिब्बत को अपने पाले में करने में विफल रहे चीन को एक तरफ अलगाववाद की चिंता सता रही है तो दूसरी तरफ भारत के साथ लगती सीमा पर तनाव को लेकर नींद उड़ी हुई है इस बात को लेकर हुई एक बैठक में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने जोर देकर कहा है कि देश की सर्वोच्च प्राथमिकता सीमाओं की सुरक्षा होनी चाहिए


जल्द ही  पानी में डूबे रहने वाले पोत और sensor हासि करेगी नौसेना

 हिंद महासागर में चीन की हर गतिविधि पर नजर रखने के लिए भारतीय नौसेना पानी में डूबे रहने वाले पौधों संसार और मानव रहित प्रणाली हासिल करने के लिए तैनात करेगी अफ्रीका के जिबूती के आसपास चीनी जहाजों पर भी नजर इन इलाकों में जहाज तैनात


वायुसैनिक अड्डे पर Mig-29 और 10 drone ख़रीदे जायेंगे 


•1245 करोड़ से अधिक का सौदा 


• नौसेना ने एक महत्वपूर्ण अड्डे पर mig29k लड़ाकू विमानों की तैनाती की है वह युद्ध पोतों से संचालित होने वाले 10 मानवरहित ड्रोन वाह भाई वनों की खरीद की योजना है 55 हजार करोड़ की छह पनडुब्बी खरीदेगा भारत

 चीन की भर्ती नौसैनिक सख्ती को देखते हुए भारत जल्दी 55 हजार करोड़ की छह पनडुब्बी खरीदने वाला है p75i परियोजना के तहत इन पनडुब्बियों को देश में ही बनाने के लिए अक्टूबर से बोली लगाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी सरकार के सूत्रों के मुताबिक ये पनडुब्बियों रणनीतिक भागीदारी के साथ भारत में ही बनाई जाएंगी सूत्रों के मुताबिक फिलहाल पानी के भीतर अपनी क्षमता बढ़ाने के लिए परमाणु हमला करने में सक्षम 6 पनडुब्बी समय 24:00 ने पनडु्बी खरीदने की नौसेना की योजना है कंपनी को देश में अत्यधिक सुरक्षा कंपनी होगी और आयात पर निर्भरता घटेगी सूचना के संबंध में जारी करने के लिए पनडुब्बी की विशेषता और अन्य जरूरी मापदंड को लेकर रक्षा मंत्रालय और भारतीय नौसेना की अलग-अलग टीमों की ओर से काम पूरा हो चुका है 

India deployed warships in south China sea


 रक्षा मंत्रालय पहले ही परियोजना के लिए दो भारती शिपयार्ड और पांच विदेशी रक्षा कंपनियों के नाम तय कर चुका है इनके नाम तय किए गए हैं उनमें भारतीय कंपनियों में एलएंडटी ग्रुप और सरकारी मझगांव डॉक लिमिटेड है जबकि विदेशी कंपनियों में ठनी ग्रुप मरीन सिस्टम नवांटिया नेवल ग्रुप है


विशेषज्ञों की राय है कि भारत और चीन में पड़ता है यह तनाव युद्ध का रूप जल्द ही ले सकता है इसलिए हर देश को कदम फूंक-फूंक कर उठाने पड़ेंगे खासकर इस में भारत को बहुत ही ज्यादा सावधानी बरतनी होगी क्योंकि भारत के पड़ोसी देशों के पास भी परमाणु क्षमता है जो कि भारत के लिए एक कमजोर कड़ी साबित हो सकती है इसलिए विशेषज्ञों का मानना है कि भारत को हर एक कदम सही से उठाना होगा क्योंकि भारत का एक-एक कदम युद्ध को दूर और पास दोनों ला सकता है आपको इस विषय में क्या लगता है आप अपनी राय कमेंट में जरूर दें और आपको कैसा लगा ब्लॉग  कैसा लगा बताएं

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